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दमा (अस्थमा) के घरेलू उपचार | Home remedies for asthma in hindi

अस्थमा (asthma) एक ऐसी स्थिति है जिसमें श्वसन मार्ग में संकुचन और सूजन होती है। अस्थमा के कारण व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई ,खांसी, सिरदर्द, घरघराहट होती है। अस्थमा के लक्षणों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। अस्थमा/asthma के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए आपको कुछ घरेलू उपचारों का उपयोग कर सकते हैं। (पढ़े -देसी जड़ी वूटी बुखार के लिए)

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दमा (अस्थमा) के घरेलू उपचार | Home remedies for asthma in hindi

सरल घरेलू उपचारों का पालन करें और अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करके दवाओं और इनहेलर (inhalers) पर निर्भरता कम करें।

अदरक और शहद – अस्थमा के लिए बहुत फायदेमंद है। यह गले को शांत करता है, सर्दी और खांसी का इलाज करता है और सूजन को कम करके फेफड़ों में हवा के प्रवाह में सुधार करता है। अस्थमा के रोगी अदरक, शहद और काली मिर्च का सेवन प्रतिदिन करे ।

तुलसी के पत्ते – सांस की समस्याओं के लिए तुलसी के पत्ते एक बहुत अच्छा घरेलू उपाय है। यह सीने का बलगम को बहार निकालती है। जिससे फेफड़ों में हवा के प्रवाह में सुधार होता है। करेले की जड़, तुलसी के पत्तों और शहद को मिलाकर सेवन करने से अस्थमा और इसके लक्षणों से राहत मिलती है। यह अस्थमा के लिए सबसे पुराने आयुर्वेदिक इलाज है।

अजवायन – अस्थमा के घरेलु उपचार के लिए, आप रोजाना आधा चम्मच अजवायन को एक गिलास छाछ के साथ ले सकते हैं। यह सीने से बलगम को बाहर निकालता है जिससे सांस लेने कठिनाई नहीं होती है। अस्थमा के लक्षणों से जल्दी आराम पाने के लिए आप अजमोद का पेस्ट बना कर छाती पर लगा सकते हैं।

हल्दी – एक गिलास गुन-गुने पानी में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाएं और इसका सेवन करें। इस उपचार को दिन में दो बार लगभग पंद्रह दिनों तक करें। हल्दी एक एंटीमाइक्रोबॉयल एजेंट है। जो अस्थमा के लक्षणों कम करने में मददगार होता है।

शहद – सांस की समस्याओं को दूर करने के लिए शहद सबसे पुराना और प्राकृतिक उपाय है। एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद मिलाएं और इसका धीरे-धीरे पिये। इसके अलावा रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर चाटें। आप दिन दो बार शहद के साथ गर्म पानी का सेवन कर सकते हैं। शहद गले से कफ को हटाकर वायु मार्ग को साफ करता है। जिससे साँस लेने में कोई कठिनाई नहीं होती है।

सरसों के तेल और कपूर  के साथ मिला कर गर्म करके छाती की मालिश करने से फेफड़ों में जमा हुआ कफ ख़ासी से साथ बहार आता है।  और सांस लेने में आसानी होती है।

लहसुन- अस्थमा के उपचार में लहसुन बहुत प्रभावी है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियाँ उबालें और इस मिश्रण का सेवन करने से दमा की प्रारंभिक अवस्था में बहुत लाभ मिलता है।