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Skip to content Home » all posts » प्राथमिक चिकित्सा ( First Aid) क्या है | First aid के प्रकार और उपचार प्राथमिक चिकित्सा क्या है | First aid in Hindi किसी की जान बचाने के लिए प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) एक जरूरी कदम हो सकता है। एक्सीडेंट या चोट लगने के तुरंत बाद फर्स्ट ऐड देने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। First aid में सामान्य चोट में पट्टी से लेकर सीपीआर (CPR) देने की प्रक्रिया शामिल हो सकती हैं। हर व्यक्ति को फर्स्ट ऐड देना आना चाहिए ताकि वह ज़रूरत पड़ने पर किसी की जान बचा सके।
First Aid
प्राथमिक चिकित्सा ( First Aid) क्या है प्राथमिक चिकित्सा एक मामूली या गंभीर बीमारी या चोट से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को दी जाने वाली पहली और तत्काल सहायता है , जिसमें जीवन को संरक्षित करने , स्थिति को बिगड़ने से रोकने या स्थिति को सुधारने के लिए भी फर्स्ट ऐड का प्रयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इस तरह की व्यवस्था करना है कि घायल व्यक्ति को उचित उपचार प्राप्त करने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो। यह कभी – कभी जीवन रक्षक भी होता है। First Aid के 3 लक्ष्य (Aims) होते हैं जान बचाना ( Preserve life):- प्राथमिक चिकित्सा का सबसे मुख्य उद्देश्य होता है जीवन को बचाने और मृत्यु के खतरे को कम करने के लिए है। प्राथमिक उपचार सही ढंग से किया जाना चाहिए जिससे रोगी के दर्द के स्तर को कम किया जा सके और घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। स्थिति को अधिक खराब होने से बचाना ( Prevent further harm ) :- इसके लिए बाहरी और आंतरिक स्थिति को नियंत्रण मे रखना आवश्यक है। इसलिए बाहरी तौर पर घायल को उसके दर्द या पीडा के कारण या कारण से ( विशेष रूप से आकस्मिक (accidental) / प्राकृतिक आपदा की स्थिति मे ) दूर ले जाया जाए और आंतरिक रूप से उसकी शारिरिक और मानसिक अवस्था को बिगडने से बचा जाना चाहिए।जैसे , आग से जल रहे व्यक्ति के ऊपर कंबल देना उसे आग से बचाएगा और उसके लिए फर्स्ट ऐड का काम करेगा। ठीक होने में मदद करना (Promote recovery) :- प्राथमिक चिकित्सा (First aid) में बीमारी या चोट से बचाना की प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश करना भी शामिल है , और कुछ मामलों में उपचार पूरा करना शामिल हो सकता है , जैसे कि एक छोटे से घाव पर मरहम – पट्टी करना। प्राथमिक चिकित्सा के लिए महत्वपूर्ण नियम | Important Rules for First Aid in Hindi ABC रूल ( A=Airway, B=Breathing, and C=Circulation.) Airway | श्वसन नली की जाँच :- सबसे पहले जांच करें कि व्यक्ति की श्वसन नली (respiratory tract) खुली है या नहीं। श्वसन नली एक tube होती है , जो फेफड़ों में हवा ले जाती है और बाहर निकलती है। अगर यह tube बंद हो जाए , तो सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति की ठोड़ी उठाएं जिससे उसका सिर पीछे की तरफ झुक जाए और नली खुल जाये गई । Breathing | सांस की जाँच :- सांस की जाँच 5 से 10 सेकंड के लिए करें। इसके लिए व्यक्ति के मुंह के पास अपना कान लगाकर उसकी सांसों को सुनें और यह देखें कि उसकी छाती ऊपर – नीचे हो रही है या नहीं। एक सामान्य व्यक्ति हर मिनट 15 बार सांस लेता छोड़ता है। आप इससे भी पता लगा सकते है कि व्यक्ति कि स्थिति क्या है। अगर दिल की धड़कन ना चल रही हो तो बिना देरी किये (CPR) चालू करें Mouth to Mouth Respiration के साथ। Circulation | परिसंचरण की जाँच :- इसमें देखते है। कि मरीज़/घायल का blood circulation हो रहा है या नहीं, व्यक्ति के शरीर की जाँच करते है कही ब्लीडिंग (bleeding) या झटका (shock) जिसके लिये उसकी नाडी (pulse rate) का निरक्षण किया जाता है. नार्मल pulse rate (60 to 100 beats per minute) होता है। और ब्लीडिंग को तुरंत रोकना चाहिए, अगर कोई हड्डी टूट गयी हो , तो सीधा करें और दर्द को कम करें प्राथमिक चिकित्सा की पेटी में क्या साधन रखने है | First aid box in Hindi हर साईज़ के 2-3 पट्टियां (Band-Aid) जलरोधक बैंडेज Waterproof bandaging साफ रूई छोटी कैंची और चिमटी दस्ताने (gloves) Gauze square एंटीसेप्टिक लोशन जैसे सैवलॉन या डेटॉल dettol थर्मामीटर /Thermometer सर्जिकल टेप / Surgical tape जीवाणुरोधी मरहम / Antibacterial ointment आंख पैड / Eye-pad दस्त रोकने के लिए दवाइयाँ जैसे – Ofloxacin+Metronidazole, Loperamide, Lactic Acid Bacillus, ORS इत्यदि। जले हुए घाव के लिए ड्रेसिंग Burn dressing – ठन्डे जेल पैक। दर्द दूर करने वाली दवाइयाँ जैसे – Diclofenac, Aceclofenac, Paracetamol इत्यादि। अस्थमा के रोगियों के लिए दवाइयाँ जैसे – Asthalin Inhaler, Deriphyllin, Salbutamol इत्यादि। उल्टी के लिए दवाइयाँ जैसे – Metoclopramide, Ondansetron इत्यादि। First aid के प्रकार और उपचार | Types and treatment of first aid in Hindi घाव या चोट लगने पर First Aid:- अगर घाव बहुत गहरा हो और खून बहुत ज्यादा बह रहा हो तो follow करें सबसे पहले ब्लीडिंग रोकें – चोट की जगह पर किसी कपडे या रुई की मदद से ज़ोर से दबा कर रखें।और घाव जहाँ से ब्लीडिंग रही है उस हिस्से को ह्रदय से ऊंचा रखे जिससे की ब्लीडिंग बंद हो जाये। घाव को साफ़ करें – घाव को गुनगुने पानी से धोएं। चोट पर एंटीबायोटिक मरहम लगायें और बैंडेज बांध दें। जल्द से जल्द घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल ले जाएँ बिजली का झटका ( घरेलू ) First aid :- अगर किसी को बिजली का झटका लगा हो , तो बिजली के करंट को स्विच ऑफ कर दें। अगर ना हो सके तो किसी सूखी लकड़ी , प्लास्टिक या कार्ड बोर्ड से बिजली के स्त्रोत को घायल व्यक्ति से दूर कर दें। अगर व्यक्ति होश में ना हो तो ABC रूल फॉलो (Follow) करें। चोट लगे हुए स्थान पर बैंडेज लगायें और जले हुए स्थानों को साफ़ कपडे से ढक दें। जल्द से जल्द मरीज़ को नज़दीकी अस्पताल पहुंचायें।
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